Friday, August 27, 2010

यूँ अगर होता

यूँ अगर होता के तुम पास होते
तो हम सितारों से ना बाते करते
   अगर जिन्दगी में तुम्हारी आँखों के साए रहते
    तो हम तपती धुप में यूँ जल ना जाते
अगर हमारे आंसू पोछने तुम्हारे हात ना आते
अश्क हमारे सागर बन जाते
       इस पागल दिल को ये सवाल ना रहते
      अगर जवाब हमारा तुम बन जाते
अगर गज़ल ही हमारी तुम बन जाते
शायरी के लिए ये खून के कतरे यूँ जाया ना जाते

जयदीप भोगले
३०-०९-१९९९

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