Saturday, September 11, 2010

कुछ खोया कुछ पाया

इस प्यार के सौदे में हमने
कुछ खोया है कुछ पाया है
दिल तो हमने खोया है
पर जान को हमने पाया है
नींद हमने खोयी है
और कुछ सपनो को हमने पाया है
सीधी सादी शख्सियत  हमने खोयी है
और दीवानगी को पाया है
    प्यार की कश्ती हमने पायी है
     तो साहिल को हमने खोया है
अब कुछ खोना है कुछ पाना  है
ये तो जिन्ग्दगी का साया है
ये सौदा नहीं तो मोहोब्बत की माया है
कुछ शिकवा नहीं खोने से हमें
जब खुद को हमने खोया है
तब उस हसीन दीदार को हमने पाया है

जयदीप भोगले
१२-०९- ०३

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