फायदे और वायदे के मुद्दे मे ना उलझ ए दोस्त
इरादे और वजूद कभी डगमगाया भी करते है
शिशे और शराब का नही है कुछ वासता मगर
राहगिर सफर मे कुछ वक्त साथ निभाया करते है
इरादे और वजूद कभी डगमगाया भी करते है
शिशे और शराब का नही है कुछ वासता मगर
राहगिर सफर मे कुछ वक्त साथ निभाया करते है
हमनवाज
कूछ इस तरह तुम न देखो हमें
ख्वाब हकीकत कि दहलीज पे ठहरा नहि करते
किताबे तो कहानी बया कर देगी मगर
रिश्ते अल्फाजो के तरकीब से बना नही करते
जमाने कि और हमारी दुष्मनी पुरानी ही सही
दुनिया मे दोस्ती का इल्म कभी दिया नहि करते
दिल के शागिर्द हम बन गये जरूर
युं उस्तादी मे मगर खंजर चलाया नहि करते
हमसफर हमनवाज इन सब मे हम कहा
खानाबदोश कभी घर बसाया नहि करते
कलम और स्याही से बन जाये तू गजल हि सही
संग और खिश्क के बगैर मुरत बनाया नही करते
जयदीप भोगले
२५ जुलै २०१७
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नमस्कार ,
ReplyDeleteआमच्या येत्या दिवाळीअंकात तुमच्या एक लेख पाहवू शकाल का? अशी विनंती. नियमावली ची लिंक आणि मागच्या दिवाळीअंकाची लिंक देत आहे.
अभिप्राय कळवावा
http://www.marathicultureandfestivals.com/invitation-diwali-2017
https://issuu.com/marathicultureandfestivals/docs/diwali_ank
धन्यवाद
ऐश्वर्या
Aishwarya Kokatay
My email kokatayash@gmail.com
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