Tuesday, August 17, 2010

सवाल मत पुछो


धडकनों को ना पुछो की तुम क्यों धडकती हो
चिरागों को न पुछो तुम क्यों सुलगते हो
फूल को ना पुछो तुम क्यों महकते हो
सवाल ना करो मेरे यारो
क्यों आशिकों को परखते हो
                  पायल क्यों छनकती  है
                    बुलबुल क्यों चहकती है
                  हवा का झोंका ना हो तो भी
                   चिलमन क्यों लहराती है
             महसूस करो इनको मेरे यारो
                 क्यों लब्ज पे अटकते हो
हीना कब रंग लती है
कली कब फूल बन जाती है
शायरी कब बन जाती है
जवाब ना मांगो मेरे यारो
मोहब्बत सब सिखाती है

जयदीप भोगले
१० एप्रिल  १९९९

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